Khandwa News – शकर तालाब पर सुबह 6 बजे से चला प्रशासन का बुलडोजर
इन दिनों एक ही मुद्दा सुर्खियों में है – खंडवा नगर के शकर तालाब क्षेत्र में चल रही बड़ी अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई। गुरुवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई इस कार्रवाई ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। नगर निगम के बुलडोजरों ने 101 मकानों को जमींदोज कर दिया। ये वे मकान थे, जिनमें कई परिवार पिछले 40-45 वर्षों से रह रहे थे।
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई तालाब की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक थी, जबकि स्थानीय लोग इसे जबरन विस्थापन और अन्याय बता रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
खंडवा नगर निगम और जिला प्रशासन ने दावा किया है कि शकर तालाब की भूमि पर वर्षों से अवैध कब्जा हो रहा था। इसी क्षेत्र में बनी इंदिरा आवास बस्ती में कई झुग्गी-झोपड़ी और पक्के मकान खड़े कर लिए गए थे। निगम के अनुसार, यहां कुल 137 मकानों ने अतिक्रमण किया था, जिनमें से 36 को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है।

बाकी 101 मकानों पर गुरुवार सुबह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। इसमें 10 जेसीबी, 4 पोकलेन, 3 फायर ब्रिगेड वाहन, 10 डंपर और 3 एम्बुलेंस तैनात की गई थीं। साथ ही भारी पुलिस बल, निगम कर्मचारी, बिजली विभाग और दमकल विभाग की टीम भी मौजूद रही।
प्रशासन का पक्ष – तालाब को पुनर्जीवित करना ज़रूरी

नगर निगम आयुक्त प्रियंका रजावत ने
बताया कि शकर तालाब क्षेत्र में जलभराव की गंभीर समस्या है।
- यदि अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, तो यह प्राकृतिक जलाशय पूरी तरह से खत्म हो सकता था। उन्होंने कहा
- यह कार्रवाई तीन-चार महीने की तैयारी के बाद की गई।
- लोगों को पहले ही कई बार नोटिस भेजे गए थे, मुनादी करवाई गई थी, लेकिन अधिकतर ने खुद से जगह नहीं छोड़ी
- कार्रवाई के बाद यहां गहरीकरण किया जाएगा ताकि बारिश का पानी यहां संचित हो सके और तालाब की जलधारण क्षमता बढ़े।
Khandwa News – शकर तालाब पर सुबह 6 बजे से चला प्रशासन का बुलडोजर
विरोध में स्थानीय लोग – हम तो 45 साल से रह रहे हैं
Khandwa News में स्थानीय लोगों के भी कई बयान सामने आए हैं। उनका कहना है कि वे दशकों से यहां रह रहे थे, और अब प्रशासन उन्हें अतिक्रमणकर्ता बता रहा है
स्थानीय निवासी अफसान बी कहती हैं:
- हमारे पास बिजली का बिल है, हम हर महीने बिल भरते थे।
- नगर निगम ने खुद हमें कनेक्शन दिया था। अब वही लोग हमारा घर तोड़ रहे हैं।”
एक अन्य निवासी जाकिर ने बताया कि
- सरकार ने हमें पहले पट्टे देने का वादा किया था।
- हमने कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
- अब बिना वैकल्पिक इंतजाम के हमें उजाड़ा जा रहा है।
- अब जिन्हें हटाया गया है, उन्हें वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने की योजना है।
- इसके लिए उन्हें 1.25 लाख रुपये की प्रक्रिया में भाग लेना होगा, जिसमें शुरुआत में 25 हजार रुपये खर्च आएगा।
मानवता बनाम व्यवस्था
इस पूरी Khandwa News रिपोर्टिंग में सबसे भावनात्मक पहलू यह है कि कई बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अब सड़कों पर हैं। उनका जीवन एक झटके में उजड़ गया। चाहे प्रशासन की मंशा तालाब बचाने की हो, लेकिन जिस अनियमितता और कागज़ी प्रक्रिया के नाम पर लोगों को वर्षों तक लटकाया गया, वह गंभीर चिंता का विषय है।
क्या होगा अब?
Khandwa News पर लगातार अपडेट आ रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई अभी जारी है। जिन घरों पर अभी स्टे है, उनका भविष्य भी अनिश्चित है।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि जो लोग वास्तव में गरीब और असहाय हैं
,उनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था समय रहते करें।
शकर तालाब पर सुबह 6 बजे से चला प्रशासन का बुलडोजर, 101 घर जमींदोज – 45 साल पुरानी बस्ती पर संकट