Raj Kushwah था असली मास्टरमाइंड, Sonam भी थी बराबर की पार्टनर – शिलांग SP ने कहा दोस्तों से करवाई राजा की हत्या
राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। हनीमून पर गए नवविवाहित जोड़े की कहानी जब खून और धोखे में बदली, तो सामने आई एक ऐसी साजिश जिसने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए।
शिलांग पुलिस ने खोली हत्याकांड की पूरी गुत्थी
23 मई को मेघालय के शिलांग में राजा रघुवंशी की हत्या हुई। पहले यह सामान्य केस लगा, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, परत दर परत चौंकाने वाले खुलासे होते गए।
शिलांग के एसपी विवेक स्येम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया
- राज कुशवाह ही था असली मास्टरमाइंड।
- सोनम रघुवंशी ने भी बराबर की भूमिका निभाई।
- हत्या में कोई सुपारी नहीं दी गई, बल्कि दोस्ती के नाम पर तीन दोस्तों ने इस काम को अंजाम दिया।
Sonam Raghuvanshi ने क्या किया?
शादी से पहले ही रची गई थी साजिश
- सोनम और राज कुशवाह का प्रेम संबंध लंबे समय से चल रहा था। फरवरी 2025 से ही दोनों ने हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी थी।
- दो विकल्प बनाए गए थे:
- सोनम को नदी में बह जाने की झूठी कहानी बनाना।
- किसी और महिला की हत्या कर उसकी लाश को जलाकर सोनम की तरह दिखाना।
- लेकिन दोनों प्लान फेल हो गए।
शादी करने के बाद भी प्लान जारी रहा –
11 मई को सोनम ने परिवार के दबाव में राजा से शादी की, लेकिन प्लानिंग रुकी नहीं। हनीमून पर जाने के बहाने शिलांग पहुंची और राज ने तीन दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की।
राजा इंदौर के रहने वाले थे, और एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनका सोशल मीडिया अकाउंट (Raja Raghuvanshi Instagram) भी काफी एक्टिव था। वह एक व्यवसाई (businessman) थे और उनका परिवार समाज में अच्छी पहचान रखता था।
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शिलांग SP के बड़े खुलासे (Shillong SP Latest Statement)

- हत्या में शामिल तीन लोग – राज कुशवाह के दोस्त आकाश, विशाल और आनंद।
- एक दोस्त उसका कज़िन निकला।
- राज ने केवल ₹59,000 खर्च के लिए दिए, कोई बड़ी रकम नहीं।
- यह प्रेम-संबंध और पारिवारिक दबाव की त्रासदी थी।
सोनम का भागना और बुर्के का इस्तेमाल
हत्या के बाद सोनम ने बुरका पहनकर मावकाडोक से शिलांग पहुंची, फिर गुवाहाटी, वहां से सिलीगुड़ी, पटना, आरा, लखनऊ और अंत में इंदौर पहुंची।
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26 मई से 8 जून तक वह इंदौर में ही छिपी रही।
राज का ड्रामा और सोनम का सरेंडर
जब राज को पता चला कि पुलिस को तीन संदिग्धों की जानकारी मिल गई है, उसने सोनम से कहा कि वह इंदौर छोड़ दे।
प्लान बना कि सोनम खुद को अगवा बताकर बच निकली दिखे।
8 जून को सोनम गाजीपुर में पुलिस के सामने पेश हुई और सरेंडर कर दिया।
हत्या की साजिश ऐसे बनी
- फरवरी 2025: हत्या की शुरुआती योजना
- अप्रैल 2025: योजनाओं की विफलता
- 11 मई: सोनम की राजा से शादी
- 15 मई: गुवाहाटी में पहली हत्या की कोशिश विफल
- 18 मई: दूसरे प्रयास की असफलता
- 21 मई: तीसरी जगह पर भी नहीं मिला मौका
- 23 मई: वैसेडॉग फॉल के पास राजा की हत्या कर दी गई
पुलिस के पास हैं ये सबूत
- 48 CCTV फुटेज
- खून से सना रेनकोट और शर्ट
- खुखरी (हत्या का हथियार)
- स्कूटर रेंटल रिकॉर्ड
- कॉल डिटेल्स, बस और ट्रेन टिकट्स
- आधार कार्ड की कॉपी
- लोकेशन डेटा
Sonam Raghuvanshi को पुलिस ने कैसे पकड़ा?
राज कुशवाह के घबराने से पूरा मामला सामने आया। जब पहला आरोपी यूपी से पकड़ा गया, तो राज ने सोनम को फरार होने को कहा। सोनम ने खुद को अगवा बताकर परिवार को कॉल किया, लेकिन 8 जून को गाजीपुर में उसने पुलिस के सामने खुद को सरेंडर कर दिया।
Raja Raghuvanshi और Sonam का ये केस अब केवल एक प्रेम त्रिकोण नहीं रहा। यह एक सुनियोजित, निर्मम और मानवता को शर्मसार कर देने वाला अपराध बन चुका है। SP विवेक स्येम का दावा है कि 90 दिन में चार्जशीट पेश की जाएगी।
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यह कहानी वाकई में चौंकाने वाली है और इंसानियत पर गंभीर सवाल उठाती है। राजा रघुवंशी की हत्या न सिर्फ अपराध की भयावहता को दिखाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि विश्वास का गलत इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है। राज कुशवाह और सोनम का यह कृत्य कैसे इतनी आसानी से अंजाम दिया गया? क्या उनके पास कोई और मकसद भी था या यह सिर्फ पैसे का खेल था? यह मामला समाज के लिए एक सबक होना चाहिए कि हमें अपने आसपास के लोगों को गहराई से जानने की आवश्यकता है। क्या आपको लगता है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए और कड़े कानून बनाए जाने चाहिए?
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