हेयर ट्रांसप्लांट से मौत: कानपुर की फर्जी डॉक्टर का खौफनाक खुलासा [2025 केस स्टडी]
हेयर ट्रांसप्लांट जैसी कॉस्मेटिक प्रक्रिया अब भारत में काफी लोकप्रिय हो गई है। बालों के झड़ने से परेशान लोग इस सर्जरी के ज़रिए आत्मविश्वास बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन जब यही सर्जरी किसी अपात्र या फर्जी डॉक्टर के हाथों की जाए, तो यह आत्मविश्वास की जगह मौत का कारण बन सकती है। कानपुर में हुई एक असिस्टेंट इंजीनियर की मौत ने इस उद्योग की सच्चाई को उजागर कर दिया है
कानपुर का चौंकाने वाला मामला
विनीत कुमार दुबे, 37 वर्षीय असिस्टेंट इंजीनियर जो पनकी पावर प्लांट में कार्यरत थे, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कानपुर के ऑफिसर्स कॉलोनी में रहते थे। 11 मार्च को उनकी पत्नी जया त्रिपाठी अपने मायके गोंडा चली गईं। 13 मार्च को विनीत ने एक हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लिया, जो कानपुर के केशव नगर इलाके में स्थित था।
कॉल और मौत
14 मार्च की सुबह जया को एक अनजान नंबर से कॉल आया कि विनीत के चेहरे पर सूजन हो गई है और उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है। कुछ ही सेकंड में कॉल कट गया। जब जया ने दोबारा संपर्क करना चाहा, तो फोन बंद मिला। उन्होंने तुरंत अपने मामा को भेजा, जिन्होंने पता लगाया कि विनीत की हालत गंभीर है और उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्भाग्यवश, 15 मार्च को उनकी मौत हो गई।
हेयर ट्रांसप्लांट से मौत: कानपुर की फर्जी डॉक्टर का खौफनाक खुलासा [2025 केस स्टडी]
डॉक्टर की योग्यता पर गंभीर सवाल
पुलिस जांच में सामने आया कि हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली महिला डॉक्टर न तो MBBS डॉक्टर थीं, न ही किसी मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड। उन्होंने खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट बताकर सर्जरी की। क्लिनिक एक साधारण रिहायशी इमारत के ग्राउंड फ्लोर में दो कमरों में संचालित हो रहा था। उपकरणों की स्थिति और मेडिकल स्टाफ की योग्यता बेहद संदिग्ध पाई गई।
पति-पत्नी की जोड़ी कर रही थी फर्जी इलाज

डॉक्टर अनुष्का तिवारी के साथ उनके पति सौरभ तिवारी भी क्लिनिक में बैठते थे। सौरभ तिवारी एक डेंटल सर्जन (MDS) हैं लेकिन वह भी हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में भाग ले रहे थे। यह स्पष्ट रूप से मेडिकल प्रैक्टिस एक्ट का उल्लंघन है।
FIR और कानूनी कार्रवाई
पीड़ित की पत्नी जया त्रिपाठी ने रावतपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने डॉक्टर और उनके पति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया। यह धारा लापरवाही से हुई मृत्यु को लेकर लागू होती है।
कानपुर ACP अभिषेक कुमार पांडे ने बताया कि पुलिस ने कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं जिन्होंने विनीत को डॉक्टर से मिलवाया था। लेकिन आरोपी डॉक्टर अब तक पुलिस समन के बावजूद पेश नहीं हुई हैं। वे और उनके पति घटना के बाद से फरार हैं और उनके मोबाइल नंबर भी बंद हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट से मौत: कानपुर की फर्जी डॉक्टर का खौफनाक खुलासा [2025 केस स्टडी]
भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का बढ़ता बाजार

भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का उद्योग हर साल 25% की दर से बढ़ रहा है। हजारों क्लिनिक खुले हैं जो सस्ती दरों में परिणाम का वादा करते हैं। लेकिन इनमें से कई क्लिनिक बिना लाइसेंस, बिना योग्य डॉक्टरों के और बिना आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के काम कर रहे हैं।
इसके खतरे:
- संक्रमण और एलर्जी
- ब्लड क्लॉट्स
- ब्रेन या हार्ट से जुड़ी जटिलताएं
- मृत्यु तक की संभावना
हेयर ट्रांसप्लांट कराते समय किन बातों का रखें ध्यान?
डॉक्टर की योग्यता जांचें
सुनिश्चित करें कि डॉक्टर के पास MBBS या MD/DM जैसी मान्यता प्राप्त डिग्री हो। डॉक्टर Medical Council of India (MCI) या State Medical Councils से रजिस्टर्ड हों।
हेयर ट्रांसप्लांट से मौत: कानपुर की फर्जी डॉक्टर का खौफनाक खुलासा [2025 केस स्टडी]
क्लिनिक की स्थिति देखें
क्लिनिक में इमरजेंसी सुविधा, स्टरलाइज्ड उपकरण, अनुभवी स्टाफ और साफ-सफाई ज़रूरी है। किसी भी अनधिकृत स्थान पर सर्जरी न कराएं।
सरकार और जनता की भूमिका
सरकार को चाहिए कि:
फर्जी क्लिनिकों पर तुरंत कार्रवाई हो
हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर्स के लिए सख्त लाइसेंसिंग सिस्टम बने
जनता को जागरूक किया जाए कि वे किस क्लिनिक पर भरोसा करें
जनता को चाहिए कि:
सिर्फ प्रमाणित क्लिनिक पर ही सर्जरी कराएं
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