पापा भगवान की तरह: TejPratap Yadav (तेजप्रताप) को पार्टी से निकालने के बाद Lalu Yadav(लालू यादव) के समर्थन में आईं उनकी बेटी
भारतीय राजनीति में अक्सर परिवारवाद की चर्चा होती है, लेकिन जब कोई नेता अपने ही पुत्र को अनुशासनहीनता और नैतिक
मूल्यों के उल्लंघन के चलते सार्वजनिक रूप से पार्टी और परिवार से बाहर कर देता है,
तो वह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं बल्कि एक वैचारिक स्टैंड बन जाता है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ऐसा ही एक बड़ा कदम उठाकर सबको चौंका दिया।
पापा भगवान की तरह: TejPratap Yadav (तेजप्रताप) को पार्टी से निकालने के बाद Lalu Yadav(लालू यादव) के समर्थन में आईं उनकी बेटी
तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई
RJD सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया
रोहिणी आचार्य ने पिता के फैसले का किया समर्थन
घटना के कुछ ही घंटों बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर

रोहिणी का यह बयान भावनात्मक होने के साथ-साथ एक सामाजिक और वैचारिक प्रतिबद्धता भी दर्शाता है।
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी की गरिमा और पारिवारिक मर्यादा से कोई भी बड़ा नहीं है –
चाहे वह कोई भी हो।
तेज प्रताप और विवादों का इतिहास
तेज प्रताप यादव अक्सर विवादों में रहे हैं। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर कई बार सार्वजनिक टिप्पणी की, जो कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के भी राजनीतिक गुरु माने जाते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने कई मौकों पर तेजस्वी यादव के पार्टी में बढ़ते कद पर भी आपत्ति जताई।
उनकी निजी ज़िंदगी भी सुर्खियों में रही है। 2018 में उन्होंने ऐश्वर्या राय से विवाह किया था,
लेकिन जल्द ही उनके रिश्ते में दरार आ गई और अब उनका तलाक का मामला अदालत में लंबित है।
बीजेपी नेता निखिल आनंद ने तो यहां तक कह दिया कि तेज प्रताप को विवाह से पहले सच सबके सामने रखना चाहिए था और उन्हें ऐश्वर्या के परिवार से माफ़ी मांगनी चाहिए।
पार्टी की प्रतिक्रिया: अनुशासन सर्वोपरि
राजद( RJD)के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने भी पार्टी की ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा—
पार्टी अपने सिद्धांतों और सामाजिक न्याय की विचारधारा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय यह दर्शाता है कि किसी भी नेता या कार्यकर्ता की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पापा भगवान की तरह: TejPratap Yadav (तेजप्रताप) को पार्टी से निकालने के बाद Lalu Yadav(लालू यादव) के समर्थन में आईं उनकी बेटी
वहीं तेजस्वी यादव ने बयान में कहा
हम राज्य के लिए काम करते हैं। निजी और सार्वजनिक जीवन अलग-अलग होते हैं।
तेज प्रताप स्वतंत्र हैं, वे अपने फैसले स्वयं ले सकते हैं। लेकिन पार्टी अनुशासन के मामले में कोई समझौता नहीं करती
परिवार में पहले भी हुए मतभेद
यह पहला अवसर नहीं है जब लालू यादव के परिवार में विचारधारात्मक या राजनीतिक मतभेद सामने आए हैं।
उनके साले अनिरुद्ध प्रसाद यादव (साधु यादव) और सुभाष यादव भी मतभेद के कारण पार्टी छोड़ चुके हैं
लालू का फैसला एक संदेश
लालू यादव का यह फैसला केवल एक पिता का नहीं, एक विचारधारा से जुड़े नेता का भी है।
यह निर्णय केवल तेज प्रताप को हटाना नहीं है, बल्कि यह बताना भी है कि सामाजिक न्याय, नैतिकता और पार्टी की गरिमा से कोई ऊपर नहीं है।
रोहिणी आचार्य की मुखरता यह बताती है कि लालू यादव ने केवल एक राजनीतिक विरासत ही नहीं,
बल्कि मूल्य आधारित नेतृत्व की परंपरा भी अपनी संतानों को दी है। और यही कारण है कि आज उनकी बेटी खुलकर उनके समर्थन में कहती है —
“पापा हमारे लिए भगवान जैसे हैं।”