Mock Drill कल फिर 4 राज्यों में होगी – जानिए कहां और क्यों हो रहा है ये अभ्यास?
क्या आप जानते हैं Mockdrill का अर्थ क्या है?
कभी आपने तेज़ सायरन की आवाज़ सुनी है, लोग इधर-उधर भागते नज़र आते हैं, अचानक बिजली बंद हो जाती है, और कुछ ही पलों में सब शांत हो जाता है। दरअसल ये सब होता है मॉक ड्रिल के दौरान। Mockdrill यानी आपात स्थिति का अभ्यास – ताकि अगर कभी असली खतरा आए, तो हम घबराएं नहीं बल्कि समझदारी से स्थिति को संभाल सकें।
Mockdrill क्या है और क्यों जरूरी है?
Mockdrill का मतलब है – किसी भी आपात स्थिति जैसे युद्ध, आतंकी हमला या प्राकृतिक आपदा के लिए पूर्व योजना के अनुसार अभ्यास करना। इसमें हिस्सा लेते हैं – सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, पुलिस, NCC, एनएसएस, फायर ब्रिगेड, और कभी-कभी आम नागरिक भी। इस अभ्यास से यह परखा जाता है कि मुश्किल समय में कौन कितनी जल्दी और सही तरीके से प्रतिक्रिया दे सकता है।
कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल कल?
29 मई को देश के चार सीमावर्ती राज्यों – गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर – में बड़े स्तर पर Mockdrill का आयोजन किया जा रहा है। ये राज्य पाकिस्तान से सटे हुए हैं और हाल ही में हुई घटनाओं को देखते हुए यहां सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा और अभ्यास जरूरी हो गया है।
हरियाणा सरकार की पहल
इसके अलावा हरियाणा सरकार भी अपने सभी 22 जिलों में एक बड़ी राज्यस्तरीय सिविल डिफेंस ड्रिल – Operation Shield आयोजित करने जा रही है। यह ड्रिल शाम 5 बजे से शुरू होगी, और इसमें हिस्सा लेंगे सैंकड़ों वॉलंटियर्स और युवा संगठन जैसे NCC, NSS, NYKS और स्काउट्स एंड गाइड्स।
Mockdrill कैसे होती है?

अब बात करते हैं कि Mockdrill कैसे होती है। इसमें सामान्यतः ये गतिविधियां होती हैं:
- तेज़ आवाज़ में सायरन बजाना (जैसे कि हवाई हमले का संकेत)
- लोगों को निर्धारित स्थानों पर निकालना (Evacuation drill)
- कुछ देर के लिए ब्लैकआउट करना, जिससे लोग जान सकें कि अंधेरे में कैसे काम किया जाए
- आपात सेवाएं जैसे पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को तुरंत तैनात करना
- जनता को जानकारी देना कि असली स्थिति में क्या करना चाहिए
- हरियाणा में इस बार 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट किया जाएगा – लेकिन अस्पताल, पुलिस और फायर स्टेशन जैसी जरूरी सेवाएं इससे अछूती रहेंगी।
पिछली घटनाओं से सबक: ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन अभ्यास
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की जा रही है जब हाल ही में पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई करते हुए महज़ 22 मिनट में 9 आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्रवाई को प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि खुला युद्ध मानते हुए कहा कि अब आतंकवाद पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा बन चुका है।
उससे पहले, 7 मई को देशभर में Operation Abhyas नाम से एक मॉक ड्रिल कराई गई थी, जिसमें दिल्ली, मुंबई समेत 244 जिलों ने हिस्सा लिया था
क्या है Mockdrill का उद्देश्य?
Mockdrill का मकसद सिर्फ अभ्यास करना नहीं होता, बल्कि इससे पता चलता है कि:
- हमारी व्यवस्थाएं कितनी तैयार हैं
- जनता में जागरूकता कितनी है
- आपात स्थिति में कितना जल्दी प्रतिक्रिया दी जा सकती है
- सभी एजेंसियों में कितना समन्वय है
- साधारण शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसा रिहर्सल है जो असली जिंदगी बचा सकता है।
सतर्क नागरिक ही सुरक्षित राष्ट्र बनाते हैं
Mockdrill कोई दिखावा नहीं है। यह एक जरूरी और जीवनरक्षक प्रक्रिया है। जब देश खतरे में हो, तब सबसे पहले जरूरी होता है – तैयारी। और तैयारी तभी पूरी होती है जब हर नागरिक यह जानता हो कि क्या करना है और कैसे करना है।
तो अगली बार जब आपके इलाके में मॉक ड्रिल हो, तो इसे हल्के में ना लें।
इसमें हिस्सा लें, सीखें, समझें – क्योंकि आपकी सतर्कता ही देश की सुरक्षा है।
Mock Drill कल फिर 4 राज्यों में होगी – जानिए कहां और क्यों हो रहा है ये अभ्यास?
Good Information
मॉक ड्रिल का महत्व समझाने के लिए यह बहुत अच्छा लेख है। हमें हमेशा इस तरह के अभ्यासों को गंभीरता से लेना चाहिए। यह सच है कि हमारी सतर्कता ही हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करती है। मैं सोच रहा हूं कि क्या इन ड्रिल्स के दौरान कोई विशेष सावधानी बरतनी चाहिए? क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे अभ्यासों को और अधिक बार आयोजित किया जाना चाहिए? इस लेख ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि हम सभी को सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। आप क्या सोचते हैं, क्या यह अभ्यास वास्तव में हमारी तैयारी को बेहतर बना सकता है?