शर्तों के साथ संघर्षविराम, सिंधु जल संधि पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं: सूत्र
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद, रुक-रुक कर होने वाली गोबारी और तनावपूर्ण माहौल के बीच एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम: विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि, End Of India-Pakistan War!
दोनों देशों ने 10 मई 2025 की शाम 5 बजे से पूर्ण युद्धविराम (Ceasefire) पर सहमति जताई है।
इस निर्णय को दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्रालय की घोषणा
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से यह जानकारी विदेश सचिव श्री विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा:
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम: विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि, अमेरिका ने निभाई मध्यस्थता की भूमिका End Of India-Pakistan War!
भारत और पाकिस्तान के बीच आज शाम 5 बजे से युद्धविराम लागू हो गया है। दोनों देशों के बीच सीज़फायर को लेकर समझौता हो चुका है और यह फैसला आपसी बातचीत से लिया गया है।”
विदेश सचिव ने आगे स्पष्ट किया कि इस बार पाकिस्तान की ओर से पहले पहल की गई, और भारत ने इस प्रस्ताव को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करते हुए संवाद को आगे बढ़ाया।
DGMO स्तर पर वार्ता: पाकिस्तान ने बढ़ाया पहला कदम
इस संघर्षविराम का आधार बना सेना संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधा संवाद।
विदेश सचिव मिसरी ने बताया:
पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से पहले संपर्क किया और सीमा पर तनाव कम करने की पहल की। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से थल, जल और वायु – तीनों क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई
यह पहली बार है जब युद्धविराम को तीनों मोर्चों (Land, Air, Sea) पर लागू किया गया है, जो इसे एक ऐतिहासिक कदम बनाता है।
अगली बातचीत: 12 मई को फिर होगी चर्चा
इस युद्धविराम को केवल घोषणा तक सीमित न रखकर सुनियोजित क्रियान्वयन के लिए दोनों देशों ने सहमति जताई है।
विदेश सचिव के अनुसार:
इस समझौते को लागू करने के लिए सेनाओं को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं। 12 मई को दोपहर 12 बजे भारत और पाकिस्तान के DGMO एक बार फिर बातचीत करेंगे, ताकि निगरानी तंत्र और भविष्य की रणनीति तय की जा सके
अमेरिका की मध्यस्थता और ट्रंप का बयान
इस पूरी प्रक्रिया में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने ट्विटर पर इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा:
संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में हुई एक लंबी रात की बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान एक पूर्ण और तात्कालिक युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को सामान्य समझदारी और शानदार बुद्धिमत्ता का उपयोग करने पर बधाई
इस बयान से यह साफ हो गया कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति स्थापना में पुल का कार्य किया, जिससे यह समझौता संभव हो सका।
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यह समझौता वास्तव में दक्षिण एशिया के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। शांति और स्थिरता की दिशा में यह पहल सराहनीय है। अमेरिका की मध्यस्थता ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाया, जो एक सकारात्मक संकेत है। क्या आपको नहीं लगता कि यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ाने का एक मौका है? मैं सोच रहा हूँ कि क्या इससे भविष्य में और सहयोग के दरवाजे खुलेंगे। क्या आपको लगता है कि यह युद्धविराम स्थायी होगा? मैं इस बात से सहमत हूँ कि यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है?