कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली, क्यों हैं सुर्खियों में और कौन कर रहा है सपोर्ट?
22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली इन दिनों पूरे देश और अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। शुक्रवार को कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम (हरियाणा) से गिरफ़्तार किया। आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिन्दूर के संदर्भ में एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसमें आपत्तिजनक और सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल किया गया था।
क्या है मामला?
शर्मिष्ठा पनोली ने एक वीडियो में ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान बॉलीवुड के कुछ बड़े सितारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश आतंकवादी हमलों से जूझ रहा है, तब ये अभिनेता खामोश क्यों हैं? इस वीडियो में उन्होंने कुछ धार्मिक टिप्पणियाँ कीं, जो कई लोगों को आपत्तिजनक लगीं। इसके बाद मामला कोलकाता पुलिस तक पहुंचा, जहाँ धार्मिक आधार पर वैमनस्य फैलाने, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने, और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने की धाराओं में FIR दर्ज की गई।
कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली, क्यों हैं सुर्खियों में और कौन कर रहा है सपोर्ट?
शर्मिष्ठा ने मांगी माफ़ी, फिर भी गिरफ्तारी
वीडियो पर विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो डिलीट कर दिया और 15 मई को सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मांग ली। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी भाषा अनुचित थी और अगर किसी की भावनाएं आहत हुईं, तो वह उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। बावजूद इसके, कोलकाता पुलिस ने उन्हें “फरार” बताते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया और उन्हें घर गुरुग्राम से गिरफ़्तार कर लिया गया है और इसके अतिरिक्त 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है
समर्थन में उतरे डच सांसद गिर्ट विल्डर्स
इस मामले ने अब अंतरराष्ट्रीय रंग ले लिया है।
नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्डर्स, जो कि वहां की राइट-विंग पार्टी फॉर फ्रीडम के प्रमुख हैं, उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा:
डच सांसद गिर्ट विल्डर्स ने All Eyes on Sharmistha नाम से एक पोस्टर भी साझा किया,
जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
भारत में भी उठा सियासी तूफान
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी इस गिरफ्तारी को चुनिंदा कार्रवाई करार देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने कहा:
- शर्मिष्ठा पनोली ने न सिर्फ वीडियो डिलीट किया, बल्कि माफ़ी भी मांगी।
- फिर भी उन्हें गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया। क्या यही न्याय है?
- अगर टीएमसी के सांसद सनातन धर्म को ‘गंदा धर्म’ कहें, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं
पवन कल्याण, जना कल्याण सेना के नेता, ने लिखा कि:
ब्लासफेमी की निंदा होनी चाहिए – लेकिन सेक्युलरिज्म एकतरफा क्यों?
शर्मिष्ठा के खिलाफ इतनी तेज़ी से कार्रवाई होती है
, लेकिन हिंदू धर्म के खिलाफ की गई घृणित टिप्पणियों पर चुप्पी क्यों?
कोलकाता पुलिस की सफाई
कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर सफाई दी है कि:
कुछ सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी अवैध थी – यह पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
सभी वैधानिक प्रक्रियाएं अपनाई गईं। कई बार नोटिस देने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुईं
, इसलिए कोर्ट से वारंट लेकर उन्हें गिरफ़्तार किया गया।
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी
अब सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं रह गया, बल्कि यह भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक सहिष्णुता और राजनीतिक संतुलन पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
एक तरफ एक छात्रा को माफ़ी मांगने के बाद भी जेल भेजा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनेताओं और नेताओं के भड़काऊ बयानों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
गिर्ट विल्डर्स समर्थन
- गिर्ट विल्डर्स जैसे अंतरराष्ट्रीय नेता का समर्थन इस मामले को वैश्विक बहस बना चुका है।
- अब देखना यह है कि क्या भारत की न्याय प्रणाली इस मामले में निष्पक्ष और संतुलित रवैया अपनाती है या नहीं।
कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली, क्यों हैं सुर्खियों में और कौन कर रहा है सपोर्ट?